Saturday, February 1, 2025

धोखाधड़ी के मामले में शहर के व्यवसायी हुए दोष मुक्त

Must read

कोरबा। लगभग 8 साल पूर्व शहर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी पर उसके ही भाई ने झूठे धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय में मामले की सुनवाई में व्यवसायी पर दोष सिद्ध नहीं होने पर उन्हें दोष मुक्त कर दिया गया है।

न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासरत राजेश कुमार मुरारका ने वर्ष 2016 में थाना सिटी कोतवाली में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके स्टेट बैंक आफ इंडिया मुख्य शाखा कोरबा से संबंधित चालू खाता के चेक बुक को उसके भाई मुकेश कुमार मुरारका द्वारा चोरी करके उसमें से चार चेक में से कूटरचना करके उसे बैंक में समाशोधन बाबत पेश करके असल के रूप में उपयोग में लाया गया। शिकायत के आधार पर मुकेश कुमार मुरारका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 379, 420, 467, 468 के तहत अपराध दर्ज कर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण को न्यायालय में पेश किया था। उक्त मामले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा के न्यायालय में विचाराधीन थी। 8 साल तक मामले की सुनवाई हुई। न्यायालय के न्यायाधीश श्री सत्यानंद प्रसाद ने मंगलवार 03/09/2024 को प्रकरण में फैसला सुनाया। जिसमें व्यवसायी मुकेश मुरारका के खिलाफ दोष सिद्ध नहीं होने पर उन्हें सभी अपराधों से दोष मुक्त कर दिया गया।

 

0 निर्णय में हेड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट अहम रही

मामला कूटरचना से जुड़े होने की वजह से पुलिस ने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास जब्त दस्तावेजों को जांच के लिए भेजा था। जिसमें प्रार्थी राजेश राजेश कुमार मुरारका व आरोपी बताए गए मुकेश कुमार मुरारका दोनों का नमूना हस्ताक्षर भेजा गया। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट ने चोरी कूटरचित बताए गए सभी चेक पर पर प्रार्थी राजेश कुमार का ही हस्ताक्षर होना पाया। जिसके रिपोर्ट के आधार व सक्षियो के बयान के आधार पर न्यायालय ने निर्णय पारित किया है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article